बस्ती और अयोध्या जनपद का सीमा विवाद हल होने के अंतिम चरण में हैं। दोनो जनपदो के सीमाकंन को लेकर अयोध्या के सदर और हरैया सर्किल के नायब तहसीलदारों के नेतृत्व में दो दर्जन लेखपाल व कानूनगो पिछले एक माह से सीमांकन के लिए फील्ड वर्कर रहे थे।
बुधवार को विक्रमजोत स्थित डाक बंगले पर दोनों जनपदों के लेखपाल कानूनगो और नायब तहसीलदार 2 दिनों से टेबल वर्क कर बृहद नक्शा बनाने में जुटे हैं। जिसका 90 फीसद कार्य हो चुका है। इसके बाद दोनों जनपदों के जिलाधिकारियों का निर्देश लेकर भारी पुलिस बल के साथ सरयू नदी के माझा क्षेत्र में स्थाई सीमा (पत्थर नसब) स्थापित किया जाएगा।
बस्ती और अयोध्या जनपद के दो दर्जन अधिकारी कर्मचारी सीमा निर्धारण मे जुटे
सीमा निर्धारण टीम मे शामिल हर्रैया तहसील के नायब तहसीलदार कृष्ण कुमार मिश्रा, राजस्व निरीक्षक राम सागर यादव, मखौड़ा सर्किल कानूनगो रामदेव शर्मा, बस्ती सदर तहसील से हरिहर सिंह के अलावा लेखपाल सुभाष यादव, कृष्ण मुरारी, अवधेश श्रीवास्तव, कामेश्वर प्रसाद, सुमित मौर्य, उदय प्रताप सिंह, पंकज पांडे, अजय श्रीवास्तव शामिल है। वही अयोध्या जनपद के सदर तहसील के नायब तहसीलदार अभिचल सिंह और दया शंकर त्रिपाठी के नेतृत्व मे राजस्व निरीक्षक रामपाल, फकीरे प्रसाद, पंकज कुमार, राम भवन शामिल हैं। जो पिछले 15 दिनों से दोनों जनपदों के सीमा पर फैले विशाल माझा क्षेत्र में जरीब, फीता, गुनिया लेकर सर्वे पैमाइश किया।मंगलवार से डाक बंगले पर आला अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों जनपदों के सीमा का नक्शा बनाया जा रहा है। सीमांकन में जुटी टीम के सर्वे पैमाइश और नक्शा मानचित्र निर्माण कार्य का ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा लगातार निगरानी कर रहे हैं
हाईकोर्ट के निर्देश पर दस वर्षो से चल रही है सीमा निर्धारण की कवायद
अयोध्या और बस्ती जनपद की सीमा से सटकर बहती सरयू नदी के दोनो तरफ 5 किलोमीटर चौड़ाई मे फैला माझा क्षेत्र में कोई स्थाई सीमा चिन्ह नहीं है। जिससे माझा क्षेत्र में खेती किसानी के दौरान वर्चस्व को लेकर विवाद होता है। मामले मे छावनी थाना क्षेत्र के मड़ना माझा गांव निवासी राजवंत सिंह ने 10 वर्ष पूर्व उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट दाखिल कर बस्ती के मड़ना माझा, माझा बरही, जरही माझा, दलपतपुर माझा सहित अयोध्या जनपद के रामपुर पुआरी, काजीपुर माझा, दलपतपुर माझा का सीमांकन करने की मांग किया था।वर्ष भर पूर्व उच्च न्यायालय के आदेश पर दोनों जनपदों के जिलाधिकारी के निर्देश पर उच्च स्तरीय अधिकारियों की टीम ने सीमांकन का कार्य शुरू किया गया।
दो चरणो मे होगा सीमा सीमाकंन
जनपद सीमांकन के प्रथम चरण बस्ती के 4 गांव मड़ना माझा, माझा जरही, माझा दलपतपुर, माझा किताअव्वल और अयोध्या के 3 गांव रामपुर पुवारी माझा, काजीपुर माझा, दलपतपुर माझा के सीमा का निर्धारण किया जा रहा है। सर्वे कार्य पूर्ण होने के पश्चात बुधवार को सीमा का सीमांकन का नक्शा-मानचित्र कार्य पूरा हो गया है।प्रशासन अब इन गांवो मे स्थाई पत्थर नसब करायेगी। सीमांकन स्थाई सीमा पत्थर की स्थापना करने के लिए दोनों जनपदों के जिलाधिकारियों के निर्देश लिए जायेगे।इस दौरान भारी पुलिस बल मौजूद रहेगी।सीमाकंन मे शामिल अधिकारियों का कहना है कि दूसरे चरण में बस्ती के सीतारामपुर, माझा तिहुरा व माझा बरहटा का सीमांकन कार्य शुरू कराया जाएगा।
सीमांकन न होने से प्रतिवर्ष होते दर्जनो विवाद
सरयू नदी के दोनों तरफ फैले माझा क्षेत्र में अयोध्या-बस्ती जनपद का सीमांकन नही होने के चलते प्रतिवर्ष विवाद होते है। बाढ़ का पानी हटने के बाद किसान दबंगई के बल पर ज्यादा से ज्यादा खेतों पर कब्जा करने की कोशिश करते है। माझा क्षेत्र पुलिस की पहुंच से दूर होने के कारण जिसकी लाठी उसकी भैंस के तर्ज पर जंगल राज कायम रहता है। पिछले वर्ष माझा किता अव्वल और मड़ना माझा में एक दूसरे की जमीन जोत लेने के आरोप लगाते हुए दो बड़े विवाद हुए। जिसमें अवैइ हथगोले तमंचे चले।24 घन्टे बाद पहुंची पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा।विक्रमजोत ब्लाक के केशवपुर, गौरियानैन, बाघानाला, कल्याण पुर, संदलपुर, छतौना, खेमराजपुर, अर्जुन पुर, लकड़ी, पकड़ी, सुनगहाबदली सहित करीब दर्जनों गावं के वाशिंदे सरयू नदी नाव से पार कर खेती करने जाते हैं। जिन्हें अयोध्या जनपद के माझा क्षेत्र निवासी अतिक्रमणकारी समझ कर इनका विरोध करते हैं।विक्रमजोत क्षेत्रवासियों का मानना है कि सीमा का निर्धारण हो जाने से ग्रामीण अपनी जमीन पर कानूनी तौर पर खेती कर पाएंगे।
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