संवाददाता प्रतिमा शर्मा लखनऊ
कोरोना काल में आत्मनिर्भर बनने की दास्तान सुने शशि से - मैं लखनऊ के सरोजनी नगर ब्लॉक के कल्ली पश्चिम गांव में अपने 5 लोगों के परिवार के साथ रहती थी, मेरे पति एक प्लम्बर है जो दिहाड़ी पर कार्य किया करते थे और मैं आस पास के अपार्टमेंट में घरेलू वर्कर के तौर पर काम करती थी ।
जब कोरोना के चलते मार्च में लॉकडाउन तब अचानक से मेरे पति का रोजगार बन्द हो गया और अपार्टमेंट वालों ने भी घरेलू कार्यो हेतु कोरोना के संक्रमण के चलते काम करने के लिए मना कर दिया । हम दोनों पति पत्नी की आमदनी अचानक से शून्य पर पहुँच गयी और रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गयी, तभी आवाहन इंडिया और एच सी एल फाउंडेशन के सौजन्य से समय की मांग को देखते हुए मास्क बनाने का आईडिया या कह सकते हैं एक उम्मीद की किरण दिखी । अभी तक हमने अपने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से 10000 मास्क बनाये हैं जिसमे हमें प्रति मास्क 3 रुपये की आमदनी होती है।
आवाहन इंडिया और एच सी एल फाउंडेशन ने हमारे प्रतिभा को पहचाना हमें वीडियो के माध्यम से मास्क बनाने की ट्रेनिंग दी और हमें कच्चा माल और बने हुए माल के लिए बाजार उपलब्ध कराया।
हमलोग मास्क बना कर अब "आत्म निर्भर" बने और भुखमरी और कोरोना से अपने परिवार को बचा पाए । हम लोग लोकल उत्पाद को बढ़ावा देकर " वोकल फ़ॉर लोकल" आंदोलन के उदाहरण बने । हम लोग आगे भी मास्क के साथ-साथ स्कूल ड्रेस और जूट बैग इत्यादि बना कर एक दीर्घकालिक आय का स्रोत सुनिश्चित करेंगे ।
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