स्मिता श्रीवास्तव, लखनऊ
" कैनवस"
'कैनवस'इस कैनवस पर उतारा है,
मैंने दुनियां के वास्तविक चित्र
शायद इसीलिए
मेरे कैनवस पर फैली है
बनावटी मुस्कान, क्रोध और नफ़रत के लाल काले रंग..
वास्तविक होते हुए भी
कितनी अवास्तविक सी प्रतीत होती है ये..
चाहती हूँ
चित्र के पात्रों में नवीनीकरण'
कर रही हूँ विचरण,
एक स्नेहिल चित्र के निर्माण के लिए'''
परन्तु बहुत ढूढ़ने पर भी
एक निश्छल, प्रेमयुक्त, सरल मुस्कान बनाने के लिए,
रंग नहीं मिल रहे हैं मुझे,....
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