अर्चना तिवारी-अभिलाषा - - कानपुर ऑक्सीजन से पूर्ण हो , धरती माता आज । वृक्ष लगाओ मिल सभी , यही सुलभ है काज । यही सुलभ है काज , खोल लो मन के ताले । होगे यदि अंजान , साँस के होंगे लाले ।। यही सनातन सत्य , वृक्ष देते हैं जीवन । रोपो मानव वृक्ष, , खूब होगी ऑक्सीजन ।। जागो मानव आज तुम , नहीं करो अब देर । हरी-भरी धरती रहे , वृक्ष लगाओ ढेर ।। वृक्ष लगाओ ढेर , यही है मांग समय की । ऑक्सीजन हो खूब , बचे अब विकल धरा भी ।। मची है त्राहि -त्राहि , कर्म से तुम मत भागो । धरा करो खुशहाल , नींद से अब तुम जागो ।। ऑक्सीजन के बिन हुआ , आज देश बेहाल । कोरोना के कोप का , फैला माया जाल ।। फैला माया जाल , घरों में विपदा छाई । छाया पड़ा बुखार , बड़ी ही आफत आई ।। करे अर्चना अर्ज , नहीं छीनो प्रभु जीवन। करो आपदा अंत , मिले सबको ऑक्सीजन ।।
लखनऊ से प्रकाशित हिंदी समाचार पत्र (DLD NEWS)