पंकज उपाध्याय विशेष संवाददाता बस्ती
बस्ती 05 अप्रैल 2021, मण्डलायुक्त अनिल कुमार सागर के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019 के क्रियान्वयन हेतु मण्डल स्तरीय कृषि निर्यात निगरानी की बैठक आयोजित की गयी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए संयुक्त कृषि निदेशक ने निर्देश दिया कि मण्डल के अन्तर्गत अलग-अलग जनपदों में उत्पाद के अनुसार कलस्टर का निर्माण कराया जायेगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। मण्डल में कृषि उत्पाद काला नमक चावल तथा केला उत्पादन पर विशेष रूप से चर्चा की गयी।
उन्होने बताया कि कृषि उत्पादों के निर्यात को बढावा देने के लिए नये ढाचे की व्यवस्था करना कृषि फसलों एवं उत्पादों के निर्यात की क्षमता का सदुपयोग करना तथा किसानों एंव अन्य हितधारको की आय में वृद्धि करना कृषि निर्यात नीति का उद्देश्य है। कृषि निर्यात निगरानी समिति की नीति के अन्तर्गत निर्यात कलस्टर के लिए न्यूनतम 50 हेक्टेयर की कृषि भूमि होनी चाहिए। यह भूमि 20-20 हेक्टेयर की आपस में निरन्तरता में भी हो सकती है। कलस्टर के पास खाद्य पदार्थ प्रसंस्करण संबंधी उद्योग भी स्थापित हो सकेंगे।
नोडल एजेन्सी कलस्टर में उत्पादित कृषि उत्पाद के प्रसंस्करण हेतु स्थापित की गयी प्रसंस्करण इकाई/पैक हाउस/शीत गृह/राइपेनिंग चेम्बर आदि को निर्यात की स्थित में निर्यात प्रोत्साहन प्रदान करेंगी। यह प्रोत्साहन निर्यात के टर्नओवर के 10 प्रतिशत अथवा 25 लाख रू0 जो भी कम हो निर्यात प्रारम्भ करने के एक वर्ष से पाॅच वर्षो तक दिया जायेंगा। निजी क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन की व्यवस्था की गयी है। कलस्टर क्षेत्र 50 से 100 हेक्टेयर पर कलस्टर निर्माण पंजीकरण और निर्यात दायित्व पूर्ण होने पर रू0 10 लाख तथा 100 से 150 हेक्टेयर पर 16 लाख रू0 तथा 150 से 200 हेक्टेयर पर 22 लाख रू0 उक्त प्रकार से 50 हेक्टेयर की वृद्धि पर रू0 6 लाख की धनराशि की बढोत्तरी अनुमन्य होगी। कलस्टर में कुल उत्पादन का 30 प्रतिशत निर्यात करने पर निर्यात दायित्व सिद्ध माना जायेंगा। प्रथम वर्ष में 40 प्रतिशत उसके बाद 15 प्रतिशत आगामी 04 वर्ष निर्यात होने पर दिया जायेंगा।
कृषि उत्पादों एवं प्रसंस्करित वस्तुओं के निर्यात हेतु परिवहन अनुदान दिया जायेंगा। यह अनुदान सड़क/जल मार्ग से निर्यात करने पर रू0 5 प्रतिकिग्रा0 अथवा कुल परिवहन व्यय का 25 प्रतिशत जो भी कम हो दिया जायेंगा। परिवहन सब्सिडी प्रति निर्यात अधिकतम 10 लाख रू0 प्रति वर्ष देय होगी। इसके साथ ही निर्यातित उत्पाद पर मण्डी शुल्क एवं विकास टैक्स से छूट देने का भी प्राविधान है।
कृषि निर्यात एंव पोस्ट हार्वेस्ट प्रबन्धन एवं प्रोद्योगिकी में डिग्री, डिप्लोमा सार्टिफिकेट पाठ्य क्रम संचालित करने के लिए उ0प्र0 में स्थित विश्वविद्यालयों एवं सरकारी संस्थानों में वार्षिक फीस का 50 प्रतिशत या रू0 50 हजार प्रति छात्र अधिकतम प्रदान किया जायेंगा। 15 महीनों से अधिक की अवधि के पाठ्यक्रमों हेतु फीस रू0 01 लाख दिया जायेंगा। उच्च शिक्षा कार्यक्रम प्रारम्भ करने वाले राजकीय संस्थानों को एकमुश्त 50 लाख रूपये का अनुदान दिया जायेंगा।
बैठक की अध्यक्षता संयुक्त कृषि निदेशक अनिल कुमार तिवारी ने किया। इसमें उप निदेशक मण्डी परिसद, सहायक आयुक्त खाद्य, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, खाद्य एवं प्रसंस्करण अधिकारी, अपर निदेशक पशुपालन, उप निदेशक मत्स्य डाॅ0 जीसी यादव, सुरेन्द्र राय, एलबी जायसवाल एवं अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहें।
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