रूबी प्रसाद
ब्यूरोचीफ - पश्चिम बंगाल
इन दिनों बहुत परेशान है
एक शख्स !
इसलिए नहीं कि
वो हो गया है चारदिवारी में बंद !
इसलिए नहीं कि
वो पान की दुकान पर दोस्तों के साथ
खड़ा होकर नहीं उड़ा पा रहा है
सिगरेट के छल्ले ....
इसलिए नहीं कि
वो अपनी जिन्दगी के कुछ गमों को
दिनभर की थकान के बहाने
दोस्तों के साथ नहीं लगा पा रहा है
शराब के कुछ एक पैग ...
इसलिए नहीं कि
उसे घर के छोटे-छोटे कामों में बंटाना
पड़ रहा है पत्नी का हाथ
बच्चों की किताबों में खपाना पड़ रहा है सर .....
इसलिए नहीं कि ,
नहीं कट रहा है उसका समय
और समय काटने के लिए
उसे न चाहते हुए भी चलाना पड़ रहा दिन रात
वाटस्अप, फेसबुक, इंसटागाम या
फिर उसे पड़ रहा है वक्त_बेवक्त सोना
जिससे उसका मन बहल तो जा रहा है
मगर
बढ़ रहा है उसका चिड़चिड़ापन
हो रहा है धीरे-धीरे डिप्रेशन का शिकार
और साथ ही आंखों पर पड़ रहा है बुरा असर !
वो तो,
हो रहा है परेशान _
इसलिए कि
दुकानों में ताले लगाने के कारण
आय के उसके सारे श्रोत हो गये है बंद
जिस वजह से
धीरे-धीरे खत्म हो रही है उसकी सेविंग
और आहिस्ता आहिस्ता
खाली हो रही है उसकी जेब !!
Comments
Post a Comment