गुलशन कुमार चौहान एडवोकेट- बस्ती
जी हां दोस्तों। आज का समाज पढ़े लिखे लोगों का होकर भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आज के समय में करोना का माहौल चल रहा है उससे विद्यार्थी जीवन में उनकी पढ़ाई को लेकर के काफी समस्याएं उत्पन्न हो रही है।अचानक लागू होते लाकडाउन से विद्यार्थियों को तत्काल कमरा जो किराये पर ले कर अध्ययन कर्ता है उसे बन्द करके घर भागना पड़ता है ऐसी परिस्थिति में उसकी सारी व्यवस्था उड़ जाती है. किसी प्रकार की फीस या कमरे के किराये में उसे सुविधा न संस्थाओ से मिलता है न ही सरकार से कोई व्यवस्था प्राप्त होती है. जिस प्रकार से दैनिक प्रयोग की वस्तु की जरूरत होती है ठीक उसी प्रकार से विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थी के पढ़ाई की भी जिंदगी होती है। कोरोना काल में जिस तरह से लोग अपने दैनिक उपयोग की वस्तुओं ग्रहण कर रहे हैं ठीक उसी प्रकार से विद्यार्थियों के भविष्य के बारे में भी सोचना चाहिए और इसके प्रति एक ठोस कदम उठाना आवश्यक है। पिछले वर्ष भी करोना की वजह से कई स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए थे।इस साल भी पिछले साल की तरह स्कूल कॉलेज बंद हो गए हैं इससे विद्यार्थियों का जीवन काफी संकट में हो गया है। आधुनिक शिक्षा नीति आने के बावजूद भी आज का भारत देश कोरोना काल की वजह से आधुनिक शिक्षा नीति एकदम लचार हो गया है। नई शिक्षा नीति के तहत काफी ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
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