महिला इंस्पेक्टर लेडी सिंघम डा. शालिनी सिंह ने भुखमरी की कगार पर पहुंचे गरीब ठेले वाले के लिए बनी मसीहा
रिपोर्ट- कृष्णा अग्रहरी संतकबीरनगर
संतकबीरनगर-"गरीब नहीं जानता क्या है मजहब उसका, जो बुझाए पेट की आग वही रब है उसका" ये पंक्तियां जिले की तेजतर्रार महिला इंस्पेक्टर लेडी सिंघम डा.शालिनी सिंह के कार्यो को चरितार्थ कर रही है। जब महिला इंस्पेक्टर डा.शालिनी सिंह अपनी ड्यूटी के दौरान खलीलाबाद मधुकुंज चौराहे पर पहुंची थी वहां एक 75 वर्षीय बुजुर्ग भूखे प्यासे ठेले पर चूड़ी की दुकान लगाये खड़ा था बुजुर्ग को देखकर महिला इंस्पेक्टर डा.शालिनी सिंह ने अपनी संवेदनाओं को नहीं रोक पायी और फूटपाथ पर दुकान लगाये हुए बुजुर्ग के पास पहुंचकर उसकी मदद कर एक फिर उन्होंने एक मिशाल पेश की।
जहाँ पुलिस के कार्यों को लेकर समाज में अलग अलग तरह की सोच लोगो के दिमाग में रहती हैं तो वही जिले की तेजतर्रार महिला इंस्पेक्टर लेडी सिंघम डा. शालिनी सिंह निरंतर पुलिस के मानवीय कार्यों को लेकर दिन रात मेहनत करती हैं। बृहस्पतिवार को अपनी टीम के साथ खलीलाबाद मधुकुंज चौराहे पर गश्त करने निकली महिला इंस्पेक्टर डा.शालिनी सिंह की निगाह बढ़या बाजार निवासी कई दिनों से भूखे प्यासे ठेले पर चूड़ी की दुकान लगाये हुए 75 वर्षीय बुजुर्ग मो.सिद्दीक पुत्र स्व.इस्लाम पर गयी जहाँ वो पसीने से लत पत थे महिला इंस्पेक्टर डा.शालिनी उस ठेले के पास गयी जहाँ 75 वर्षीय बुजुर्ग मो.सिद्दीक ने बताया कि मेरे पांच बच्चे हैं कोई भी खाने को कुछ नहीं देता इसीलिए मजबूरी में ठेला चलाकर दो वक्त की रोटी का इंतेजाम करता हूं। बूढ़े आदमी की व्यथा सुनकर महिला इंस्पेक्टर की आंखे नम हो गयी उन्होंने तत्काल उस बुजुर्ग को भरपूर खाना खिलाकर उनकी सभी चूड़ियों को पांच सौ रुपये में खरीदकर एक बार फिर मिशाल कायम की। आपको बता दे कि लेडी सिंघम के नाम से मशहूर महिला इंस्पेक्टर डा.शालिनी सिंह हमेशा पुलिस की ड्यूटी के दौरान जिले में जहाँ अपराधियों पर लगाम लगाने में सफल रही हैं तो वहीं इस तरह सराहनीय कार्य कर वो मिशाल पेश कर रही हैं।
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