आई.सी.पी.यन.सिंह सोलंकी, ब्यूरो चीफ , गोरखपुर
आज अमर शहीद वीर अशफाक उल्ला खान के 122 वें जन्म दिवस पर देश की ओर से अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि। ज्ञातव्य है कि अमर बलिदानी अशफाक उल्ला खान का जन्म 22 अक्टूबर उन्नीस सौ को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में हुआ था इनका परिवार बहुत ही समृद्ध था । इनके पिता मोहम्मद सफीक उल्ला खान बहुत ही नामी-गिरामी व्यक्तियों में गिने जाते थे और इनकी माता मजहूरून्निशा बेगम अपने समय की खूबसूरत स्त्रियों में गिनी जाती थीं। अमर शहीद अशफाक उल्ला खान भारत मां के सच्चे सपूत थे मात्र 27 वर्ष की उम्र में उन्होंने मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देकर फांसी के फंदे को चूम लिया था ।वह एक मशहूर और कुशल बेहतरीन उर्दू शायर थे और हसरत के नाम से शायरी किया करते थे उनका पूरा नाम अशफाक उल्ला खां वारसी 'हसरत' था। अपने अन्य मित्रों के साथ अशफाक उल्ला खान ने काकोरी कांड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अच्छे परिवार से संबंध रखने वाले वीर बलिदानी के तमाम गजल और शायरी आज भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। यह अपने परिवार में सबसे छोटे थे उनके तीन बड़े भाई थे । बचपन से ही उन्हें खेलने घुड़सवारी करने और निशानेबाजी करने का बहुत शौक था ।यह अपनी कविताएं उर्दू में लिखते थे बचपन से ही उनके अंदर देश के प्रति कुछ कर गुजरने का जज्बा था और वह हमेशा प्रयासरत रहते थे कि किसी क्रांतिकारी दल का हिस्सा बन जाए इसलिए भी लगातार लोगों से संपर्क करते रहते थे उनके बड़े भाई रियासत उल्ला खान पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के सहकर्मी थे वे अक्सर अशफाक उल्ला को उनकी बहादुरी के किस्से सुनाए करते थे जब उन्हें 1920 में मैनपुरी कांड के बाद यह पता चला कि राम प्रसाद बिस्मिल उन्हीं के शहर में हैं तो उन्होंने उनसे कई बार मुलाकात की। बिस्मिल की पढी़ हुई कविता पर अशफाक उल्ला ने आमीन कह कर उनकी तारीफ किया तो बिस्मिल ने बुलाकर उनका परिचय पूछा था और उसके बाद वह उनके अच्छे दोस्त बन गए तथा राम प्रसाद बिस्मिल के संगठन मांत्रिवेदी के सक्रिय सदस्य के रूप में कार्य करना शुरू कर दिए इस तरह वे क्रांतिकारी जीवन में प्रवेश कर चुके थे। वह एक सच्चे देशभक्त थे और हिंदू मुस्लिम एकता के प्रबल समर्थक थे। ऐसे वीर बलिदानी अमर शहीद अशफाक उल्ला खां की 122 वी जयंती पर शत शत नमन है । उक्त सूचना अरुण कुमार श्रीवास्तव ,प्रदेश महासचिव, पीस पार्टी ,उत्तर प्रदेश ने दी।
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