तृषा द्विवेदी "मेघ" ब्यूरो चीफ-उन्नाव
जय-जय जय-जय जय माँ काली,शक्ती मातु निराली ।
श्याम वर्ण माँ अद्भुत दामिनी, कालरात्रि माँ काली।।
(1)चार भुजा माँ खड्ग धारिणी, दानव मर्दनकारी
भक्तों का उद्धार करें माँ, हैं भय संकट हारी
आदि शक्ति हे महाशक्ति माँ, आपसा न बलशाली।
जय-जय,जय-जय-------!
(2)रक्तबीज का रक्तपान कर,बनी देव सुखदायी
चण्ड-मुण्ड का वध करके माँ, चामुण्डा कहलायी
शुम्भ-निशुम्भ सब दुष्ट मारकर, करें भक्त रखवाली।
जय-जय,जय-जय-------!
(3)कष्ट विनाशक रोग निवारक,ग्रह बाधा सब हारी
भक्तन की हे माँ हितकारी,आप हैं मंगल कारी
करती विनती तृषा आपसे,भर दो झोली खाली।
जय-जय, जय-जय-----------------!
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