अर्पणा अवस्थी--शिक्षिका - इंदिरा नगर लखनऊ
मतदान अर्थात अपना निर्णय लेने और अपना विचार प्रकट करने का एक उचित एवं सरल उपाय है।भारत विश्व का सबसे बडा और शक्तिशाली लोकतांत्रिक देश है। यहाँ प्रत्येक पाँच वर्षों के अंतराल में चुनाव के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति का चयन किया जाता है जो हमारे देश की बागडोर को सम्भालता है,इसलिए हमें अपना मत सिर्फ यह सोंच कर नहीं देना चाहिए कि हमारे द्वारा चयनित व्यक्तिदिखने में अच्छा है और हमारे उत्थान के लिए कार्य करेगा क्योंकि ऐसा व्यक्ति न ही हमारे हित में कार्य करेगा और न ही देश के हित में,ऐसा व्यक्ति कभी भी देश का उत्थान नहीं कर सकता है,बल्कि हमें यह देखना चाहिए कि जिस व्यक्ति का चयन हम कर रहे हैं उसकी हमारे और देश के प्रति विचारधारा क्या है वह देश के हित में कार्य कर सकता है या नहीं।क्योकि जनता का प्रतिनिधि जनता अर्थात हमारे द्वारा ही चुना जाता है इसलिए लिए मतदान करना हमारे लिए आवश्यक ही नहीं अपितु यह हमारा पूर्ण अधिकार है। मतदान के द्वारा ही हम एक अच्छे विधायक,सांसद,पार्षद,मुख्यमत्री आदि का उचित चयन कर सकते हैं,इसलिए हमें अपने मताधिकार के महत्व को समझना चाहिए और बिना किसी डर एवं दबाव के इसका उचित और पूर्ण उपयोग करना चाहिए।इतिहास गवाह है कि हमारे एक मतदान से ही सरकारें उठती और गिरती रही हैं।उदाहरण के तौर पर 17 अप्रैल 1999 में सिर्फ एक मतदान से ही अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार गिरी थी। आम तौर पर लोग अपने मतदान की ताकत को नहीं जानते और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो जानते हुए भी महत्तव नही देते,कुछ की यह भी धारणा है कि अगर हम मतदान नहीं करेंगे तो क्या फर्क पड़ेगा और उनकी यही सोंच ही हमारी सरकार की सफलता और असफलता का कारण बनती है।अतः इस प्रकार की धारणा रखने वाले लोगों से विनम्र प्रार्थना है कि अपने अधिकारों को समझें और मतदान करें।आपका मतदान ही आपकी हिम्मत,साहस, मजबूत इरादे का प्रतीक एवं आपकी सही पहचान है।
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