Dr Rita Tripathi
डॉ रीटा त्रिपाठी आप सभी लोगो को को गर्दन दर्द के कारण एवं उपचार का विस्तृत वर्णन करते हुए - - गर्दन कन्धा तथा हाथों मे दर्द, झंझनाहट, गर्दन को पीछे ले जाने मे चक्कर आना, गर्दन को घुमाने मे दर्द तो कभी -कभी चुभती हुई तेज गति से बढ़ता है!दर्द धीमा हो सकता है तो कभी कभी दर्द गंभीर अवस्था मे पहुंच जाता है
गर्दन दर्द के कारण -
गर्दन का दर्द प्रायः उठने बैठने, सोने का गलत तरीका, लगातार एक ही दशा मे बैठ कर घंटो काम करना,मोटी तकिये का इस्तेमाल करना , झुक कर बैठना,लगातार यात्रा करना आदि कारण से होते है!
प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा इसका उपचार
1 -पीड़ित व्यक्ति को काम के साथ समय पर आराम करना चाहिए!
2-बैठने के लिए सीधी कुर्सी तथा सख्त एवं पतले गद्दे वाला बिस्तर उपयोग मे लाना चाहिए!
3-रोगी को उसके अनुसार क्रमशः ठंडा और गरम गर्दन
पर सेक देनी चाहिए!
4-नीम के पानी का एनीमा देकर गरम बैठ स्नान, भाप स्नान, गीली चादर लपेट, तथा पूर्ण टब स्नान बदल -बदल कर देना चाहिए!
5-गरम पानी मे 50ग्राम अदरक कूट कर कपड़े मे बांध
कर निचोड़े इससे गर्दन की मालिश एवं सेक करें
गरम उपचार के बाद ठंडे पानी से स्पंज अवश्य करें!
योग चिकित्सा -
1-आसन -गर्दन की क्रियायें, भुजंग आसन, शलभआसान, पश्चिमोत्तासान,
2-प्राणायाम -सूर्यभेदी तथा दीर्घ रेचन का अभ्यास
3-चीनी एवं चिकनाई का वर्जन!
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