नीरज कुमार पांडेय जिला संवाददाता बस्ती
बस्ती – अच्छा खासा वेतन पाने के बावजूद सरकारी कर्मचारियों का पेट नही भर रहा है। अतिरिक्त आमदनी के लिये जमीर का सौदा करने को तैयार हैं। ताजा मामला सदर विकास क्षेत्र के डारीडीहा का है जहां परिषदीय विद्यालय के नाम से बच्चों को खिलाने के लिये आया राशन भी बेंचने की तैयारी थी। भला हो ग्रामीणों का, उन्होने साहस दिखाया और महकमे के अधिकारियों के साथ मिलकर खेले जा रहे इस खेल का पटाक्षेप हो पाया।
डारीडीहा स्थित जि
लाधिकारी के गोद लिये कम्पोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय के एमडीएम का खाद्यान्न खुले बाजार में बिकने आया था। पिकप पर लदे खाद्यान्न और खरीददार का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो महकमे के अफसरों के हाथ पांव फूल गये। सच्चाई जानने की बजाय सोनूपार चौकी से पहुंचे सिपाही ग्रामीणों पर रौब झाड़ रहे थे।
बीएसए ने इंचार्ज प्रधानाध्यापिका सरोज सिंह को प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है। मामले की जांच के लिए 2 सदस्यीय टीम गठित की है। बीएसए ने आदेश बताया कि इस कृत्य से न केवल छात्रों के अधिकारों का हनन हुआ है बल्कि विभाग अैर विद्यालय की छवि भी धूमिल हुई है। प्रकरण काफी गंभीर है। एमडीएम का खाद्यान्न बिना प्रधानाध्यापिका के संलिप्तता के बेचा जाना संभव नहीं है।
प्रधानाध्यापिका का यह कृत्य सरकारी सेवक आचरण नियमावली, विभागीय आदेशों, निर्देशों के खिलाफ है। तत्काल प्रभाव से इंचार्ज प्रधानाध्यापिका को निलम्बित करते हुए उन्हें पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगहरा से सम्बद्ध किया है। खण्ड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय महेन्द्र नाथ त्रिपाठी, खण्ड शिक्षा अधिकारी नगर क्षेत्र अरुण कुमार यादव की 2 सदस्यीय मामले की जांच करेगी। बता दें खाद्यान्न दुकानदार के यहां खडे़ पिकप पर लदा था। जब ग्रामीणों की भीड़ जुटी तो दुकानदार ने उनके सामने कैमरे पर 19 रुपए प्रति किग्रा गेहूं, 16 रुपये प्रति किग्रा के हिसाब से चावल की खरीद का सौदा तय होना स्वीकार किया।
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