नीरज कुमार पांडेय जिला संवाददाता बस्ती
- _परिषदीय विद्यालयों में अभी तक नहीं पहुँची किताबें_
- _बेसिक के विद्यालयों में बिना किताब पढ़ाई का मामला_
- _नौनिहालों के साथ हो रही धोखाधड़ी के लिए कौन जिम्मेवार_
- _माननीयों को भी केवल फोटो खिंचवाने का इन्तजार_
बस्ती। बस्तीजनपद में बेसिक शिक्षा के नियंत्रणाधीन प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में वैसे तो शिक्षण सत्र अप्रैल से ही शुरू हो गया है परन्तु शिक्षण सत्र के चार महीना बीतने को है और विभाग नौनिहालों को शिक्षा की कुंजी अर्थात् किताब अभी तक नहीं उपलब्ध करा पाया । नौनिहालों के साथ हो रही धोखाधड़ी की जिम्मेवारी लेने वाला कोई नहीं है ।
प्राप्त समाचार के अनुसार बेसिक के स्कूलों में महानिदेशक स्तर के आदेशों के अनुपालन में निरीक्षण जारी है परन्तु निरीक्षणकर्ता अधिकारी भी गजब ऑख मूंदकर जाँच कर रहे हैं कि स्कूलों में अभी तक चार महीना बीतने के बाद भी किताबें न पहुँचने का मामला उनको नहीं दिख रही हैं केवल एक मिनट देरी से पहुँचने वाला शिक्षक ही दिख रहा है । सत्र को शुरू हुए चार महीने बीत गए और शासन / जिला प्रशासन द्वारा अभी तक नौनिहालों को किताब न उपलब्ध कराना बच्चों के साथ धोखा नहीं तो और क्या है । बेसिक शिक्षा को शिक्षा की रीढ़ कहा गया है क्योंकि देश के जाने माने वैज्ञानिक , राजनेता , नौकरशाह , डाक्टर , इंजीनियर , समाज सुधारक आदि सभी कभी न कभी बेसिक शिक्षा से जरूर गुजरे हैं । वर्तमान परिस्थितियों में बेसिक शिक्षा के साथ हो रहा भद्दा मजाक विचारणीय प्रश्न अवश्य है । बिना किताब संचालित हो रही बेसिक शिक्षा इस बात का स्पष्ट संकेत है कि विभाग के नीति नियंताओं द्वारा सही समय पर उचित कदम नहीं उठाया गया जिसका खामियाजा बेसिक शिक्षा के नौनिहाल भुगत रहे हैं ।
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