नीरज कुमार पांडेय जिला संवाददाता बस्ती
बस्ती।नगर क्षेत्र के विभिन्न गावों बक्सर ,देवापार, कोठवा भरतपुर में शुक्रवार को विभिन्न जगहों पर विधिवत पूजा अर्चना के साथ धूमधाम से मनाया गया श्री कृष्ण जन्मोत्सव।
हाथी घोड़ा पालकी,
जय कन्हैया लाल की।श्री कृष्ण के जयकारे के साथ वातावरण हुआ कृष्णमय।
बक्सर गांव में कृष्ण कुमार पांडेय के घर विगत वर्षो की तरह धूमधाम से श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। सुंदर झांकी के बीच बाल कृष्ण झूला झूलते हुए अति सुंदर लग रहे थे।
सर्व प्रथम सुंदरकाण्ड का पाठ किया गया उसके बाद लोग ढोल मजीरे पर भजन का गायन करते दिखे ।
मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो,
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से मैया करा दे मेरो ब्याह,
कैसे मनमोहन बने नर से नारी ,
तोरा मन दर्पण कहलाए
आदि गीतों पर सभी लोगो ने जम कर धूम मचाया।
उसके बाद भगवान श्री कृष्ण की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि श्री कृष्ण का जन्म भाद्र मास के कृष्ण पक्ष के रोहड़ी नक्षत्र में अर्ध रात्रि को मथुरा के जेल में हुआ था उनके पिता वासुदेव तथा माता देवकी थी। उनके पैदा होते ही जेल के ताले खुल गए पहरेदार सो गए वासुदेव कृष्ण को लेकर गोकुल नंद के घर पहुंच गए और उन्हें वहां छोड़कर वहां से यशोदा की कन्या को लेकर पुनः मथुरा आ गए भगवान कृष्ण का लालन पालन गोकुल में माता यशोदा और नंद बाबा के घर हुआ। वहां उन्होंने कई प्रकार के खेल खेले ,पले बढे और कई मायावी राक्षसों जैसे पूतना, बकासुर, आदि का वध किया और अंत अत्याचारी मामा कंश का वध कर सभी को भय मुक्त किया।भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण का जीवन संघर्षो से भरा रहा ईश्वर होते हुए भी उन्होंने मानव जीवन के सभी मूल्यों को आत्मसात कर सभी मानवों के लिए आदर्श प्रस्तुत किया | यदि वे चाहते तो एक ही झटके में महाभारत के युद्ध को समाप्त कर देते लेकिन बिना शस्त्र उठाये किस प्रकार अपनी लीला दिखाते रहे, उनका जीवन बचपन से ही संघर्षो से भरा रहा अपनो ने उन्हें मारने की कोशिश की लेकिन प्रेम से कैसे किसी भी व्यक्ति को अपना बनाया जा सकता है ये हमें श्री कृष्ण के जीवन से सीखना चाहिए |
रात्रि के 12 बजते ही भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ उसके बाद बाल कृष्ण की आरती उतारी गई। औरतों ने शोहर गया । चारों तरफ काफी चहल पहल रही लोग खुशियों से नाचने लगे।और अंत में प्रसाद वितरण हुआ।
कार्यक्रम में पंचदेव शुक्ला,राम यज्ञ पाण्डेय, गया प्रसाद भूतपूर्व प्रधान,विपिन पांडे, दिनेश पाण्डेय,उमेश पांडेय,आशीष पांडेय, नीरज पांडेय, अजय गुप्ता, रंजीत गुप्ता,धीरेद्र बाबा,पियूष शुक्ला,अजय पांडेय,सचिन शुक्ला,देवी प्रसाद पांडे, दिलीप गुप्ता,राम शंकर गुप्ता,अमित पांडेय,राम मिलन गुप्ता, अदीप कुमार,शिखर पांडेय, रवि पांडेय,वीरेन्द्र कश्यप,जगरूप गिरी,गिरिजा शंकर गिरी,राम बूझ गुप्ता, शिवशंकर गुप्ता,भोलू, राम सुग्रीव गुप्ता,मोती लाल गुप्ता, शिवम पाण्डेय,के साथ साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण रहे एकत्र।
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